सोनू सूद ने हिंदी फिल्म जगत में अपने दम पर अपनी पहचान बनाई है. आज अपने 49वें जन्मदिन के मौके पर वो काफी ज्यादा उत्साहित नजर आए. आज अपने जन्मदिन पर दुबई में अपनी एक फिल्म की शूटिंग खत्म करके मुम्बई लौटने को लेकर सोनू सूद काफी उत्साहित थे. उनकी फ्लाइट के लैंड होने में जरा देर सी हुई तो सोनू सूद की बेचैनी बढ़ गयी क्योंकि उन्हें अच्छी तरह से अंदाजा था कि हजारों की संख्या में लोग मुम्बई के अंधेरी में ओशिवरा स्थित उनके घर के बाहर बड़ी बेकरारी से उनसे मिलने का इंतजार कर रहे होंगे.
सोनू सूद जिस ओशिवरा की जिस ‘कासाब्लांका’ इमारत में रहते हैं, वहां पर आज सिर्फ सोनू के चाहनेवालों की ही नहीं, बल्कि अपनी परेशानियों को और अपनी आर्थिक समस्याओं को लेकर आनेवालों की तादाद भी काफी ज्यादा थी. मदद की आस लगाये लोगों की एक लम्बी कतार भी सोनू की इमारत के बाहर खड़ी थी. फैन्स से तमाम तरह के तोहफों को स्वीकार करते-करते सोनू सूद ने जरूरतमंद लोगों से भी एक-एक मुलाकात की और सभी को उनकी मदद करने का आश्वासन भी दिया.
सोनू सूद जिस ओशिवरा की जिस ‘कासाब्लांका’ इमारत में रहते हैं, वहां पर आज सिर्फ सोनू के चाहनेवालों की ही नहीं, बल्कि अपनी परेशानियों को और अपनी आर्थिक समस्याओं को लेकर आनेवालों की तादाद भी काफी ज्यादा थी. मदद की आस लगाये लोगों की एक लम्बी कतार भी सोनू की इमारत के बाहर खड़ी थी. फैन्स से तमाम तरह के तोहफों को स्वीकार करते-करते सोनू सूद ने जरूरतमंद लोगों से भी एक-एक मुलाकात की और सभी को उनकी मदद करने का आश्वासन भी दिया.
अपने जन्मदिन के मौके पर सोनू सूद आज तकरीबन डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक लोगों से मिले. उनसे मुलाकात करनेवालों में एक ऐसा बुजुर्ग शख्स भी शामिल था जो भले ही पूरी तरह से नेत्रहीन था मगर वह अपने हाथों में गुलाब का एक फूल लेकर सोनू सूद को जन्मदिन के तोहफे के तौर पर देने के लिए वहां पहुंचा हुआ था. सोनू ने उस नेत्रहीन शख्स से बड़े प्यार से तोहफा स्वीकार किया. 80 साल से अधिक उम्र की एक महिला भी सोनू सूद से मिलने के लिए उनके घर के बाहर घंटों तक इंतजार करती रही. आखिरकार जब सोनू उनसे मिले तो उस बुजुर्ग महिला का चेहरा खिल गया और उन्होंने सोनू के सिर को छूकर अपना आशीर्वाद भी दिया और समाज कार्य को जारी रखने की सलाह भी.
देखते कि उनके बेटे को लोगों का इस कदर प्यार मिल रहा है तो वो ये सब देखकर बहुत खुश होते. सोनू ने कहा, “बचपन में मेरे जन्मदिन के मौके पर मेरे माता-पिता मुझे अनाथालय ले जाया करते थे. शायद बचपन में लोगों को मदद करने की मिली सीख के चलते मैं यहां तक पहुंचा हूं और आम लोगों के लिए कुछ कर पा रहा हूं.”
सोनू सूद ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में एक बार फिर से इस बात से इनकार किया कि वो राजनीति में आना चाहते हैं. एक सवाल के जवान में उन्होंने कहा, “मैं बिना राजनीति आए भी लोगों की मदद कर सकता हूं और मैं वही कर रहा हूं.”