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सोनू सूद के घर हर वीकेंड आते हैं सैंकड़ों लोग, मदद के लिए रोजाना आती हैं 40 हजार ऑनलाइन रिक्वेस्ट, जानें डिटेल

  1. सोनू सूद बॉलीवुड इंडस्ट्री के सुपर स्टार है , जो की ज्यादातर विलेन का रोल प्ले करते है। सोनू सूद बॉलीवुड इंडस्ट्री के साथ साथ टॉलीवूड इंडस्ट्री में भी अपना नाम कमा चुके है। सोनू सूद फिलम इंडस्ट्री के विलेन है , जिसका मतलब ये नहीं की वह असल जिंदगी में भी एक विलेन है। परन्तु इसके विपरीत सोनू सूद रियल लाइफ के सुपर स्टार अथार्थ रियल लाइफ हीरो है। सोनू सूद ने बिना किसी का सहारा लिए बहुत से लोगो की मदद की है। सोनू सूद अभी हाल ही में अपने एक उच्च विचार और दयालु स्वभाव के कारण सम्पूर्ण भारतवर्ष में फेमस होगये थे। सोनू सूद को बहुत लोग प्यार करते है और कहीं लोग उनको भगवान का दर्ज़ा भी देते है।

 न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में सोनू सूद ने खुलासा किया कि वीक डेज पर कम से कम 150 से 200 लोग उनके घर आते हैं, जबकि शनिवार और रविवार को यह संख्या 500 से 700 तक पहुंच जाती है. सोनू ने यह भी शेयर किया कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए रोजाना मदद के लिए लगभग 30,000 से 40,000 रिक्वेस्ट मिलते हैं. (फोटो साभारः Instagram @sonu_sood)

सोनू सूद का जन्म वर्ष 1973 में 30 जुलाई को हुआ था। सोनू सूद भारत के पंजाब राज्ये में स्थित मोगा में जन्मे थे। सोनू सूद ने वयक्तित्व और इंसानियत की एक नई परिभाषा खड़ी की है। सोनू सूद एक ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों का सिर गर्व से उचा कर दिया है। सोनू सूद ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपना कैरियर मॉडलिंग के तौर पर शुरू किया था। सोनू सूद ने मॉडलिंग के चलते पूरी दुनिया में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके थे , जिसके बाद सोनू सूद ने अपनी सबसे पहेली फिल्म तमिल भाषा में की थी।

 सोनू सूद ने कहा, “जो लाइन आपने देखीं, वह एक रोजाना की है. रविवार को यहां लंबी कतारें लगती हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से मदद लेने के लिए मेरे घर के बाहर लगभग 500 से 700 लोग आते हैं." (फोटो साभारः Instagram @sonu_sood)

 

सोनू सूद ने कहा, “जो लाइन आपने देखीं, वह एक रोजाना की है. रविवार को यहां लंबी कतारें लगती हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से मदद लेने के लिए मेरे घर के बाहर लगभग 500 से 700 लोग आते हैं

 यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर के लोगों द्वारा भेजे जाने वाले दुखी या दर्द भरे मैसेज पढ़ने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है? इस पर सोनू सूद ने कहा कि यह उन पर जिम्मेदारी की भावना डालता है. (फोटो साभारः Instagram @sonu_sood)

यह पूछे जाने पर कि क्या इससे उनके रिहायशी इलाके में या उसके आसपास सुरक्षा की समस्या पैदा होती है? सोनू सूद ने असहमति जताई और कहा कि उनके पड़ोसी भी बहुत सहयोग करते हैं. उन्होंने कहा, “बिल्डिंग के लोगों को भी इसकी आदत है. बिल्डिंग में रहने वाले लोग उनकी मदद या घर में काम करने के लिए पूछते हैं. वे बहुत सहयोगी भी हैं. वे जानते हैं कि यह एक ऐसी जगह है जहां जरूरतमंदों के जीवन बदल सकते हैं. वे सपोर्टिव हैं

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