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जिसका रब भी नहीं उसका सोनू सूद है दोस्तों , पढ़ें जमशेदपुर की नीलांजना की कहानी , कहानी सुनके आप भी रो पड़ेंगे

जमशेदपुर की नीलांजना के पास स्कूल जाने के लिए साइकिल नहीं थी. स्कूल का रास्ता जर्जर होने के साथ-साथ कीचड़ भरा था. यह बच्ची किसी तरह पैदल स्कूल जाना-आना करती थी. उसकी गुहार पर सोनू सूद ने उसे अपनी मनपसंद खरीदने के लिए कहा और अब बच्ची के मामा ने सोनू सूद की मदद से उसके लिए नई साइकिल खरीद दी है. बच्ची के चेहरे पर खुशी झलक रही है.

अनाथ बच्ची के चेहरे पे झलकी हस्सी

एक अनाथ बच्ची के चेहरे पर आज खुशी झलक रही है. उसकी खुशी की वजह बने हैं सोनू सूद. इस बच्ची के पास स्कूल जाने के लिए साइकिल नहीं थी. घर से स्कूल जाने का रास्ता जर्जर होने के साथ-साथ कीचड़ भरा था. यह बच्ची किसी तरह पैदल स्कूल जाना-आना करती थी. उसकी गुहार पर सोनू सूद ने उसे अपनी मनपसंद साइकिल खरीदने के लिए कहा. अब बच्ची के मामा ने सोनू सूद की मदद से उसके लिए नई साइकिल खरीद दी है. बच्ची के चेहरे पर खुशी झलक रही है.

इस बच्ची का नाम है नीलांजना पॉल. उम्र 10 साल. कक्षा 4 में पढ़ती है वह. नीलांजना के जन्म के बाद ही उसके पिता घर छोड़ कर चले गए. दो साल पहले मां ने दूसरी शादी कर ली. अब बच्ची अपने मामा के घर पर रहती है और वहीं पढ़ाई कर रही है. मामा की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं की वे नीलांजना को सारी सुविधा दे सकें.

नीलांजना पॉल आदित्यपुर के श्रीनाथ पब्लिक स्कूल में कक्षा 3 तक पढ़ पाई. स्कूल में फीस जमा करने के लिए मामा के पास पैसे नहीं थे. तब मामा ने विधायक, सांसद और जिला प्रशासन से गुहार लगाई कि वह इस बच्ची को पढ़ाना चाहते हैं, इसलिए उनकी मदद की जाए. उन्होंने सभी को बताया था कि स्कूल में फीस जमा नहीं कर पाने के कारण बच्ची का नाम काट दिया गया है. नाम कटने से बच्ची ज्यादा उदास हो गई थी. कई जगह गुहार लगाने के बाद जिला प्रशासन की मदद से कक्षा 4 में उसके पढ़ने की व्यवस्था कर दी गई. लेकिन स्कूल आने-जाने में परेशानी थी रास्ते में कीचड़ गंदगी और जर्जर सड़क होने के कारण साइकिल के लिए सोनू सुद से गुहार लगाई और आज साइकिल भी मिल गई है.

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