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मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर की क्रिकेट का भगवान बनने की कहानी जानिए और देखिए तस्वीरें।

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर किसी परिचय की मोहताज नहीं है। मास्टर ब्लास्टर अब तक के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक हैं, और भारतीय खेल के एक प्रतीक हैं। उनका महान करियर दो दशकों से ज्यादा वक्त तक फैला रहा, जिसके वक्त उन्होंने अनगिनत रिकॉर्ड एवं प्रशंसा प्राप्त की।

साल 1973 में मुंबई में जन्मे सचिन तेंदुलकर ने क काफी कम उम्र में बल्ला थाम लिया, और जल्द ही अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर सफलता की राह हासिल कर ली। उन्होंने केवल 16 वर्ष की उम्र में टीम इंडिया के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और क्रिकेट बिरादरी के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक बन गए।

मास्टर ब्लास्टर की बल्लेबाजी शैली उनकी अविश्वसनीय फोकस, शानदार तकनीक और क्रिकेट को रीड करने की अदम्य क्षमता की खासियत थी। उनके पास शॉट्स का शानदार संग्रह था, और वे अलग-अलग स्थितियों और परिस्थितियों के अनुसार अपना खेलते थे। उन्होंने अपने करियर के दौरान इतिहास में 100 शतक जड़ने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं।

तेंदुलकर ने देश और उसके बाहर के युवा क्रिकेटरों की पीढ़ियों को प्रेरित किया, और उनके विनम्रता, समर्पण और व्यावसायिकता ने उन्हें चाहनेवालों और विरोधियों से समान रूप से प्रशंसा और सम्मान अर्जित की। तेंदुलकर ने साल 2013 में एक लाजवाब करियर के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया, जिसमें कई खिताब, रिकॉर्ड और पुरस्कार शामिल थे। वह क्रिकेट बिरादरी में एक सम्मानित शख्स हैं, और विश्व भर में करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं।

बता दें कि तेंदुलकर की वाइफ का नाम अंजलि तेंदुलकर है। वह पूर्व बाल रोग एक्सपर्ट हैं, और 1995 में इन दोनों ने शादी की है। अंजलि तेंदुलकर को उनकी शालीनता, कृपा और शिष्टता के लिए जाना जाता है, और मास्टर ब्लास्टर के जीवन में एक सहायक मौजूदगी रही है। दंपति के दो बच्चे अर्जुन तेंदुलकर और सारा तेंदुलकर बेटी है।

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